टाइटैनिक की टेलीग्राफ 'आवाज' बरामद हो सकती है, विरोध के बीच दबी हुयी आवाज खोजने की कोशिशें शुरू 


स्टोरी हाइलाइट्स

आरएमएस टाइटैनिक के अवशेष उत्तरी अटलांटिक के तल पर तेजी से क्षरण कर रहे हैं। फिर भी जहाज की टेलीग्राफ मशीन(A wireless telegraph machine) को...

टाइटैनिक की टेलीग्राफ 'आवाज' बरामद हो सकती है, विरोध के बीच दबी हुयी आवाज खोजने की कोशिशें शुरू.. 
1912 में क्रूज लाइनर के एक हिमखंड से टकराने के बाद मशीन पर संकट के संदेश (Frantic distress) भेजे गए थे।

A wireless telegraph machine


आरएमएस टाइटैनिक के अवशेष उत्तरी अटलांटिक के तल पर तेजी से क्षरण कर रहे हैं। फिर भी जहाज की टेलीग्राफ मशीन(A wireless telegraph machine) को मलबे से काटने के प्रस्ताव की तीखी आलोचना हुई है। वायरलेस टेलीग्राफ मशीन, जिसे "टाइटैनिक की आवाज" कहा जाता है, क्रूज लाइनर के उत्तरी अटलांटिक के तल पर पड़े जहाज के मलबे से बरामद किया जा सकता है। लेकिन हर कोई इस योजना के साथ नहीं है|

ये भी पढ़ें.. दिल और दिमाग़ में संतुलन ही सुखी-सफल जीवन की कुंजी.. दिनेश मालवीय

टाइटैनिक के वायरलेस टेलीग्राफ मशीन का इस्तेमाल उत्तरी अटलांटिक में जहाज के एक हिमखंड से टकराने और डूबने के बाद संकट संदेश भेजने के लिए किया गया था। 

वायरलेस टेलीग्राफ मशीन ने 14 और 15 अप्रैल, 1912 की रात को संकट कॉल भेजे, जब जहाज उत्तरी अटलांटिक में एक हिमखंड से टकराया और डूबने लगा। जहाज पर सवार 2,300 से अधिक लोगों में से केवल 700 ही जीवित बचे थे। पिछले साल लिए गए पानी के नीचे के वीडियो में दिख रहा है कि टाइटैनिक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है, और मशीन जल्द ही नष्ट हो सकती है।

एक कंपनी ने प्रस्तावित किया है कि वो साल के अंत में मलबे के लिए एक अभियान टेलीग्राफ मशीन को मुक्त करने के लिए पानी के नीचे रोबोट का उपयोग कर सकती है। लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम की सरकारों ने इसका विरोध किया है, जो दावा करते हैं कि टाइटैनिक जहाज़ की तबाही अब दोनों देशों के बीच एक समझौते के तहत संरक्षित है|

ये भी पढ़ें.. वैज्ञानिक आधार पर होती थी गुरुकुलों में पढ़ाई, इसलिए था भारत विश्व गुरु ?

RMS टाइटैनिक इंक की स्थापना 1994 में बचावकर्ता और बरामद कलाकृतियों के प्रबंधक के रूप में की गई थी। हालाकि कोर्ट ने 2000 में आदेश दिया कि मलबे से कुछ भी काटा या अलग नहीं किया जाना चाहिए।

कंपनी ने अब अदालत से टेलीग्राफ मशीन की बरामदगी की अनुमति देने के लिए उस आदेश को संशोधित करने के लिए कहा है, अमेरिकी जिला न्यायाधीश रेबेका बीच स्मिथ ने प्रस्ताव पर विचार करने के लिए समय लिया है; उम्मीद है कि वह अगले कुछ हफ्तों में अपना फैसला दे देंगी।

अमेरिकी सरकारी एजेंसी, नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के वकीलों ने आरोप लगाया है कि टेलीग्राफ मशीन को पुनर्प्राप्त करने का मामला "अतिरंजित" है। इधर कंपनी ने कहा कि उसका प्रस्ताव टाइटैनिक की विरासत के प्रति अपनी जिम्मेदारी से प्रेरित है न कि वित्तीय लाभ से।

टेलीग्राफ मशीन को मुफ्त में काटने और इसे पुनर्प्राप्त करने के लिए पानी के नीचे रोबोट का उपयोग करने पर $ 5 मिलियन और $ 7 मिलियन के बीच खर्च होगा, जो कंपनी टाइटैनिक कलाकृतियों की अपनी प्रदर्शनी में प्रवेश शुल्क से वसूल सकती है|

जहाज़ के अवशेष जो 100 से अधिक वर्षों से 2 मील (3 किलोमीटर) से अधिक समुद्री जल के नीचे है- जंग और गहरे समुद्र में सूक्ष्मजीवों की गतिविधि से तेजी से नष्ट रहे हैं। यह कुछ वर्षों में पूरी तरह से गायब हो सकता है| 

1985 में, WHOI के समुद्र विज्ञानी रॉबर्ट बैलार्ड के सह-नेतृत्व में एक फ्रांसीसी और अमेरिकी अभियान ने टाइटैनिक के मलबे की खोज की। 

अब दो विकल्प हैं "टेलीग्राफ मशीन को समुद्र में छोड़ दें और शायद 'टाइटैनिक की आवाज' को हमेशा के लिए खो दें, या टेलीग्राफ को पुनर्प्राप्त और संरक्षित करें ताकि यह हमेशा के लिए जीवित रहे।"

कुछ का मानना है इसकी कुछ कलाकृतियों को विनाश से बचाने के प्रयासों को नहीं रोकना चाहिए।