मंत्रियों और नौकरशाहों में नहीं बैठ रही है पटरी, प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी: गणेश पाण्डेय


स्टोरी हाइलाइट्स

मंत्रियों और नौकरशाहों में नहीं बैठ रही है पटरी, प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी: गणेश पाण्डेय एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के काबीना मंत्रियों की अपने....

मंत्रियों और नौकरशाहों में नहीं बैठ रही है पटरी, प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी 1-2-1 मीट में नौकरशाहों की बदलने की मांग गणेश पाण्डेय भोपाल. एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के काबीना मंत्रियों की अपने नौकरशाहों खासकर अपर मुख्य सचिव अथवा प्रमुख सचिवों से पटरी नहीं बन पा रही है. इन मंत्रियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से हुई 1-2-1 चर्चा के दौरान अपने विभाग के अपर मुख्य सचिव अथवा प्रमुख सचिव को बदलने की मांग की है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के चहेते नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह भी विभागीय अफसरों की कार्यशैली से खुश नहीं हैं. दिलचस्प पहलू यह है कि शिकायतकर्ता मंत्रियों में गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत शामिल नहीं है. सूत्रों की माने तो मंत्रियों की शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासनिक सर्जरी करने का वेदांती फैसला ले लिया है. इस सप्ताह के अंत तक प्रशासनिक फेरबदल की संभावनाएं है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से हुई मंत्रियों की व्यक्तिगत मुलाकात के दौरान करीब एक दर्जन मंत्रियों ने अपने अपने अपर मुख्य सचिव अथवा प्रमुख सचिव की शिकायत की है कि वह उनसे तालमेल बिठाकर प्रशासनिक फैसले नहीं ले रहे हैं. खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने अपने प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह परफॉर्मेंस को लेकर शिकायत की है. सूत्रों के अनुसार बृजेंद्र प्रताप सिंह ने प्रदेशभर में हो रही अवैध माइनिंग को रोकने के लिए अपने प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह को कई बार मौखिक निर्देश दे चुके हैं फिर भी खनन का अवैध कारोबार चल रहा है. आपने शिकायत में उन्होंने कहा कि इससे राज्य को राजस्व हानि हो रही है. इसी प्रकार की शिकायत वाणिज्य कर मंत्री जगदीश देवड़ा की भी है. देवड़ा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उनके विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी उनके मन मुताबिक कार्य नहीं कर रही हैं. यानी देवड़ा और रस्तोगी के बीच मतभेद के किस्से मंत्रालय की गलियारों में सुनाई देने लगे हैं. राज्य सरकार में दबंग मंत्री कमल पटेल भी अपने विभाग के अधिकारियों के कार्यों से खुश नहीं है. कृषि मंत्री कमल पटेल की शिकायत है कि उनके विभाग के नौकरशाह उनके लिए गए फैसलों पर अमल नहीं करते हैं. पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया की उनके प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव से पटरी नहीं बैठ रही है. नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह की गिनती मुख्यमंत्री के चहेते मंत्रियों में की जाती हैं. भूपेंद्र सिंह भी नौकरशाही से खुश नहीं है. उनकी नाराजगी प्रमुख सचिव मनीष सिंह और आयुक्त नगरी प्रशासन अजीत कुमार की कार्यशैली को लेकर है. यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रमुख सचिव मनीष सिंह ऐसे नौकरशाह है, जो किसी के दबाव में काम नहीं करते हैं. इससे पहले भी उनकी कार्यशैली से पूर्व मंत्री खुश नहीं रहते थे. कुछ मंत्रियों की शिकायत है कि कलेक्टर उनके मनमाफिक काम नहीं कर रहे हैं. विकास से संबंधित उनकी सिफारिशों को नजरअंदाज करते आ रहे हैं. इससे सरकार की आम जनता के बीच छवि धूमिल हो रही है. कलेक्टरों को बदले जाने की नितांत आवश्यकता है.