महंगाई के आगे बेवस है वचत, रो रही है जेब: सब्ज़ियों के दाम छू रहे आसमान 


स्टोरी हाइलाइट्स

महंगाई के आगे बेवस है वचत, रो रही है जेब: सब्ज़ियों के दाम छू रहे आसमान इतने दिनों से कोरोना के कारण परेशानी में रह रही जनता अभी तक उभरी नहीं थी के अब फेस्टिवल सर पर आ गए हैं. लॉकडाउन वाला इतना कठिन समय तो इंसान ने जैसे तैसे निकला, मगर अब ये त्यौहार. इस फेस्टिव सीजन में सब्जियों के दाम बढ़ जाने से लोगों को दोहरी मार झेलनी पड़ी रही है. त्योहारों का सीजन शुरू होते ही बाजार में महंगाई अपने चरम पे जाने के लिए बेताव है. महंगाई ने लोगों की जेब पर डाका डाल दिया है. सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. देश के विभिन्न भागों में हो रही बेमौसम बारिश के चलते आलू-प्याज और टमाटर के दामों में भारी उछाल आ गया है. बाजारों में टमाटर 70 से 80 रुपये प्रति किलो और आलू 45 से 55 रुपये प्रति किलो बिक रह है.  प्याज़ 60-70 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं.प्याज पिछले साल की तरह उपभोक्ताओं के आंसू निकाल रहा है. बरसात में फसल खराब होने की वजह से प्याज के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं, जिससे आम उपभोक्ता परेशान हैं. क्योंके मार्केट में प्याज 60 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. चेन्नई के खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें मंगलवार को 73 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थी.  मंगलवार को दिल्ली में प्याज का खुदरा भाव 51 रुपये प्रति किलोग्राम, कोलकाता में 65 रुपये प्रति किलोग्राम और मुंबई में 67 रुपये प्रति किलोग्राम रहा. नवरात्र में उत्तर भारत समेत देश के बहुत से हिस्से में लोग लहसुन-प्याज नहीं खाते हैं. जिससे खपत कम होती है, मगर इससे प्याज की महंगाई से राहत नहीं मिली.कारोबारी बताते हैं कि, "साउथ और महाराष्ट्र में बारिश हुई, यानी प्याज उत्पादक राज्यों में बारिश के कारण फसल खराब हो गई, जिसके कारण उत्पादन कम हुआ है. वहीं नई फसल आने में देर है, जहां कहीं भी नई फसल आ रही है, वो भी पर्याप्त नहीं है. साथ ही ऊंचे भाव पर ही किसान के पास से आ रहा है प्याज." फेस्टिव सीजन में महंगाई की मार लोगों के सामने एक बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है. पहले ही कोरोना संकट ने लोगों की आर्थिक स्थिति को खासा प्रभावित किया है अब सब्जियों के दाम बढ़ जाने लोगों को दोहरी मार झेलनी पड़ी रही है.