भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल:- पालमपुर


स्टोरी हाइलाइट्स

Nestled at 1,400 meters above sea level, Palampur attracts tourists from the beauty of its idyllic Measam, snowy hills, lush green valleys, sippy roads and miles of tea gardens.

भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल:- पालमपुर
समुद्र तल से 1,400 मीटर ऊंचाई पर बसा पालमपुर अपने मुहावने मीसम, बर्फीली पहाड़ियों, हरी-भरी घाटियों, सर्पीली सड़कों और मीलों फैले चाय बागानों की सुंदरता से सैलानियों को आकर्षित करता है। किसी समय में यह स्थल अंग्रेजों की प्रमुख सैरगाह हुआ करता था। सन् 1905 में आए भीषण भूकंप से यहां जान-माल की काफी क्षति हुई थी, इसलिए अंग्रेजों का इस स्थान से मोहभंग हो गया था इस घटना के बाद से अपने बागों को स्थानीय लोगों को सस्ते दामों में बेचकर अपने मुल्क रवाना हो गए थे। आज 2 हजार हेक्टेयर जमीन में फैले चाय के बाग पालमपुर की शान हैं। इन्हीं विशाल बागों के कारण पालमपुर 'टी सिटी' के नाम से मशहूर है। न्यूगल पार्क यह पार्क न्यूगल नदी के 150 मीटर ऊपर एक पहाड़ी टीले पर स्थित है। यहां छोटी-सी हिमानी नहर के साथ घास का लॉन भी है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता की वजह से यह स्थल पर्यटकों को दूर से ही आकर्षित करता विंध्यवासिनी मंदिर यह भव्य मंदिर न्यूगल पार्क से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए बस एवं टैक्सी की सुविधा है। यहां का वातावरण बेहद शांत व मनोरम । है, तभी मुंबई के कई फिल्म निर्माता यहां के शांत वातावरण में फिल्मांकन करना पसंद करते हैं। घुघुर यह स्थल पालमपुर से 1 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां संतोषी माता, काली माता और रामकृष्ण के मंदिर दर्शनीय हैं। लांघा लांघा एक रमणीक स्थल है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 7000 फुट है। यहां जखमी माता का एक मंदिर है, जो देखने लायक है। मंदिर के साथ एक गोलाकार मैदान है, जहां दूर-दूर से आए पर्यटक पिकनिक मनाना पसंद करते हैं। यहां से प्रकृति के दृश्य बड़े मनोरम लगते हैं। मंदिर के नीचे बहती नीले पानी की नदी में चमकते पत्थर बड़े आकर्षक लगते हैं। गोपालपुर यहां एक चिड़ियाघर है, जहां आप शेर, भालू, हिरण, खरगोश, याक, बारहसिंगा. जंगली बिल्ली आदि वन्य जीवों को बेहद करीब से देख सकते हैं। आर्ट गैलरी इस आर्ट गैलरी को देखने विश्व-भर से लोग आते हैं। यहां शोभा सिंह के बनाए चित्रों में सोहनी-महिवाल, कांगड़ा दुल्हन तथा गुरुनानक देव के चित्रों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है।

दर्शनीय त्योहार

होली रंगों के त्योहार होली को पालमपुर में राज्यस्तरीय दर्जा प्राप्त है। इस त्योहार के देखने के लिए यहां देश-विदेश से लोग आते हैं। इन दिनों यह शहर दुल्हन की तरह सजाया जाता है। देर रात तक होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों से यहां का शांत वातावरण बेहद संगीतमय हो जाता है। इन दिनों पालमपुर के सभी होटल, गेस्ट हाउस व धर्मशाला सैलानियों से भरे रहते हैं। यदि आप पालमपुर की होली का आनंद लेना चाहते हैं, तो होटल आदि में अपनी बुकिंग पहले से करवा लें।

पालमपुर कैसे जाएं?

वायु मार्ग पालमपुर का समीपी हवाई अड्डा गग्गल है। इसकी दूरी लगभग 40 किलोमीटर है। गग्गल से पालमपुर पहुंचने के लिए स्थानीय बस व टैक्सी की सेवाएं उपलब्ध हैं। रेल मार्ग पालमपुर का समीपी रेलवे स्टेशन मारंडा है। पालमपुर से यह मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मारंडा रेलमार्ग द्वारा पठानकोट से जुड़ा हुआ है। देश के प्रमुख शहरों से पठानकोट के लिए सीधी रेल सेवाएं उपलब्ध हैं। पठानकोट से हर रोज 6 रेलगाड़ियां मारंडा आती हैं। मारंडा से बस, टैक्सी द्वारा पालमपुर पहुंचा जा सकता है। सड़क मार्ग पालमपुर दिल्ली, अम्बाला, लुधियाना, चंडीगढ़, अमृतसर, पठानकोट आदि शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

कब जाएं?

मार्च से जून तक व सितंबर से नवंबर तक का मौसम पालमपुर की वादियों में घूमने के लिए उपयुक्त है।