भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल:-सोलन
कालका- शिमला राजमार्ग पर समुद्र तल से 1350 मीटर की ऊंचाई पर बसा सोलन मशरूम की सब्जियों के लिए जाना जाता है। यहां प्रवेश करते ही पर्यटकों को ऐसा महसूस होता है, जैसे वे शिमला शहर में आ गए हैं। कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित यह पर्यटन स्थल हर मौसम में सैलानियों को लुभाता है। यहां का शुलिनी मेला और 'ठोडा नृत्य' पूरे हिमाचल प्रदेश में प्रसिद्ध है।[caption id="attachment_51812" align="alignnone" width="640"]

बड़ोग जो पर्यटक कालका से खिलौना गाड़ी में शिमला की ओर जाते हैं, उन्हें बड़ोग का प्राकृतिक सौंदर्य अभिभूत कर देता है। सोलन से केवल 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्थल सबसे लंबी रेल सुरंग के लिए भी जाना जाता है। चीड़ के सघन वनों से महकता बड़ोग पर्यटन स्थल साल-भर सैलानियों को लुभाता है। यदि आप इस स्थान पर जाएं तो अपने साथ कैमरा ले जाना न भूलें। यहां के प्राकृतिक नजारों को कैमरे में कैद करने का अपना ही मजा है। करोल गुफा यह गुफा हिमालय की सबसे प्राचीन व सबसे लंबी गुफा मानी जाती है। सोलन से इसकी दूरी 5 किलोमीटर है। समुद्र-तल से इसकी ऊंचाई 7000 फुट है। इस गुफा को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं व किंवदंतियां प्रचलित हैं। सनावर सोलन से 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्थान अपने 150 साल पुराने पब्लिक स्कूल, चर्च तथा सौर ऊर्जा से संचालित स्विमिंग पूल के लिए प्रसिद्ध हैं । यहां सन् 1914-18 के युद्धों में शहीद हुए लोगों की स्मृति में एक स्मारक भी बना हुआ है। बौद्ध मठ सोलन से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मठ तिब्बत के सबसे प्राचीन धर्म 'बान' का अध्ययन केंद्र है। चीन के बाद 'बान' धर्म का विश्व में यह दूसरा मठ है। यहां विशेष अवसरों पर लोक-नृतकों द्वारा जो मुखौटा नृत्य पेश किया जाता है, वह देखते ही बनता है। चैल यह सोलन जिले की सबसे खूबसूरत जगह है। यह जगह सेब के बगीचों के लिए प्रसिद्ध है तथा सोलन से इसकी दूरी लगभग 45 किलोमीटर है। दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट मैदान चैल में ही है। यहां साल-भर सैलानियों के आने का तांता लगा रहता है। डगशाई सोलन से केवल 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह पर्यटन स्थल अपनी प्राकृतिक सुषमा व आकर्षक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहां घूमने का अपना ही मजा है। ब्रिटिश काल में इस स्थान को 'दागेशाही' कहा जाता था यहां की ऐतिहासिक जेल में जब कैदियों को रिहा किया जाता था, तब उनके माथे पर एक दाग लगा दिया जाता था इस दाग की वजह से ही इस स्थान को 'दागेशाही' कहा जाता था, जो कि धीरे-धीरे डगशाई हो गया।
समीपवर्ती दर्शनीय स्थल कसौली कसौली एकमात्र ऐसा पर्वतीय स्थल है, जो मैदानी इलाकों के बिल्कुल करीब पड़ता है। यहां सैलानियों को अन्य पर्वतीय स्थलों के थका देने वाले सफर जैसी असुविधा नहीं उठानी पड़ती। कालका से इसकी दूरी केवल 35 किलोमीटर है। यूं तो कसौली शिमला की तरह पहाड़ पर बसा हुआ है, फिर भी कई मायनों में यह शिमला से बिल्कुल अलग है। इसे पर्वतीय सैरगाह के रूप में विकसित करने का श्रेय अंग्रेजों को जाता है। बीमारी के बाद स्वास्थ्य लाभ के लिए बहुत-से लोग यहां आते हैं और यहां की प्रदूषण रहित स्वास्थ्यवर्द्धक जलवायु में स्वास्थ्य लाभ उठाते हैं। मंकी प्वाइंट मंकी प्वाइंट कसौली का सबसे ऊंचा स्थल है। यहां हनुमानजी का एक बेहद खूबसूरत मंदिर है। यहां हर समय हरीतिमा बिछी रहती है। सर्दियों के मौसम में जब यहां आसमान से बर्फ गिरती है, तो यहां का सौंदर्य देखते ही बनता है। सोलन कैसे जाएं? रेल मार्ग सोलन रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है। कालका से शिमला के लिए एक छोटी ट्रेन चलता है, जो सोलन भी रुकती है। सड़क मार्ग यह शहर कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है, इसलिए देश के प्रमुख शहरों से यहां के लिए बस सुविधाएं उपलब्ध हैं।