एमपी: कांग्रेस की धमकी राजनीतिक दुर्भावना से बाज आए सरकार, नहीं तो कर देंगे जारी हनी टेप की ओरिजिनल पेनड्राइव.. गणेश पाण्डेय


स्टोरी हाइलाइट्स

भोपाल:  सोनिया भारद्वाज आत्महत्या कांड की आड़ में कांग्रेस विधायक उमंग सिंगार को कानूनी चक्रव्यूह में फंसाने के खिलाफ कांग्रेसी एकजुट हो गई है.

उमंग सिंघार मामले में कमलनाथ का सख्त रुख, शिवराज को दिलाई हनी ट्रैप कांड की याद गणेश पाण्डेय भोपाल।कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार के खिलाफ भोपाल पुलिस द्वारा दर्ज मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस एकजुट हो गयी है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर शिवराज सरकार ने कांग्रेस विधायक को जबरन फंसाने की कोशिश बंद नही की तो वह चुप नही बैठेंगे।वह भी शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में हुए हनीट्रैप कांड का सच जनता तक पहुंचा देंगे।कमलनाथ की इस धमकी से राजनीतिक हलकों में सनसनी फैल गयी है। उल्लेखनीय है कि कमलनाथ ने गुरुवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई थी।वैसे तो यह बैठक वर्चुअल थी लेकिन करीब आधा दर्जन विधायक उनके निवास पर भी मौजूद थे। बैठक में शामिल 3 विधायकों के मुताविक कमलनाथ ने सभी कांग्रेस विधायकों से प्रदेश में कोरोना के हालात पर चर्चा की।उन्होंने विधायकों से कहा कि वह ज्यादा से ज्यादा जनता की मदद करें।अपनी विधायक निधि के अलाबा अपने स्तर पर भी सहयोग करें। बैठक के दौरान कई कांग्रेस विधायकों ने पूर्व मंत्री और वरिष्ठ आदिवासी विधायक उमंग सिंघार के खिलाफ भोपाल पुलिस द्वारा दर्ज किए मुकदमें का मुद्दा उठाया। विधायकों के मुताविक इस पर कमलनाथ ने कहा कि इस मुद्दे पर मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रदेश के डी जी पी से बात की है।कमलनाथ ने कहा -मैंने शिवराज सिंह से साफ कह दिया है कि यह गलत बात है।जब आत्महत्या करने वाली महिला की मां और जवान बेटे ने उमंग सिंघार का नाम नही लिया है।वह दोनों उनके पक्ष में बयान दे रहे हैं।फिर भोपाल पुलिस ने उमंग के खिलाफ मुकदमा क्यों दर्ज किया। कमलनाथ ने यह भी कहा कि मैंने शिवराज को बता दिया है कि मैं इस तरह की राजनीति नही करता। लेकिन अगर कांग्रेस विधायक को गलत फंसाया गया तो वह भी शिवराज के पिछले कार्यकाल के दौरान हुए हनीट्रैप कांड की असलियत जनता को बता देंगे।उसके पूरे सबूत उनके पास हैं। यहां यह बताना उचित होगा कि कमलनाथ जब मुख्यमंत्री थे तब प्रदेश में हनीट्रैप कांड उजागर हुआ था। तब इंदौर पुलिस ने कुछ महिलाओं को गिरफ्तार किया था।जिन पर आरोप था कि उन्होंने कुछ सरकारी अफसरों,मंत्रियों और बड़े लोगों को हनीट्रैप में फंसाकर ब्लैकमेल किया था।इस गिरोह की सरगना सागर की रहने वाली एक महिला थी।वह भाजपा से भी जुड़ी रही थी।उसने कई नेताओं और अफसरों से बड़े बड़े काम "मादा जिस्म" के जरिये कराए थे।सभी के कारनामें रिकॉर्ड भी कर लिए थे।कमलनाथ ने तब इस मामले की जांच के लिये एसआईटी गठित की थी। अभी तक यह मामला चल रहा है।गिरफ्तार किए गए ज्यादातर लोग अभी भी जेल में हैं। कहा यह भी जाता है कि इस मामले को दबाने के लिये कुछ नेताओं और अफसरों ने भरपूर कोशिश की थी।इसी कोशिश के चलते इंदौर के एक अखबार और इसके मालिक को नेस्तनाबूद कर दिया गया था।उस अखबार ने इस कांड की जानकारी छापी थी।तब उस अखबार मालिक पर यह आरोप लगाया गया था कि वह हनीट्रैप की जानकारी के आधार पर कुछ अफसरों को ब्लैकमेल कर रहा था।उस समय यह मामला खासा चर्चा में रहा था। बैठक में मौजूद विधायकों ने बताया कि कमलनाथ ने डीजीपी को भी बता दिया है। अगर पुलिस अपनी हरकत से बाज नही आई तो उनके पास भी बहुत रास्ते हैं। यह भी पता चला है कि मंगलवार को जो कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार का पत्र लेकर डीजीपी के पास गए थे उन्हें भी कमलनाथ ने इस बारे में बता दिया था। क्या है मामला! कमलनाथ सरकार में वनमंत्री रहे उमंग सिंघार की एक महिला मित्र ने गत रविवार को उनके भोपाल स्थित निजी आवास पर आत्महत्या कर ली थी।सोनिया भारद्वाज नाम की यह महिला हरियाणा के अम्बाला की रहने वाली थी।महिला ने जब आत्महत्या की तब उमंग अपने विधानसभा क्षेत्र में थे।आत्महत्या की खबर मिलने के बाद वह भोपाल आए। उन्होंने महिला की मां और बेटे को भी बुलाया।उनकी मौजूदगी में भोपाल में महिला का अंतिम संस्कार किया गया।महिला के बेटे और माँ ने इस पूरे मामले में उमंग की भूमिका से इनकार किया है।उमंग सिंघार ने माना है कि वह उस महिला को जानते थे।वह दोनों शादी करने वाले थे।चूंकि उमंग सिंघार का अपनी वर्तमान पत्नी से तलाक का मामला चल रहा है।इसलिए शादी में देर हो रही थी।तलाक मिलने के बाद ही वह शादी करते।आत्महत्या करने वाली 39 साल की सोनिया की भी पहले दो शादी हो चुकी थी।उसका 19 साल का बेटा भी है। सोनिया के बेटे और मां ने पुलिस को बयान दिया फिर भी पुलिस ने मामले की विस्तार से जांच के पहले ही उमंग सिंघार के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज कर लिया।फिलहाल पुलिस उमंग के खिलाफ सबूत जुटा रही है।यह भी कहा जा रहा है कि प्रदेश के एक बड़े भाजपा नेता उमंग को सबक सिखाना चाहते हैं।उन्ही के हस्तक्षेप के चलते पुलिस ने यह कदम उठाया है। फिलहाल कमलनाथ की इस धमकी ने राजनीतिक हलकों में सनसनी फैला दी है। देखना यह है कि आगे क्या होता है।