कार्टल बनाकर अधोसंरचना लागत दरें बढ़ाने वाले कार्टल को तोड़ने की तैयारी


स्टोरी हाइलाइट्स

कार्टल बनाकर अधोसंरचना लागत दरें बढ़ाने वाले कार्टल को तोड़ने की तैयारी: सड़क और हाईवेज के निर्माण में स्टील और सीमेंट के विकल्प पर सरकार......

कार्टल बनाकर अधोसंरचना लागत दरें बढ़ाने वाले कार्टल को तोड़ने की तैयारी सड़क और हाईवेज के निर्माण में स्टील और सीमेंट के विकल्प पर सरकार विचार कर रही है. केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इकोनामिक टाइम्स से चर्चा करते हुए कहा कि भारत सरकार हाईवे निर्माण में बढ़ती लागत को देखते हुए सीमेंट और स्टील के उपयोग को कम करने पर विचार कर रही है. केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है. यह समिति सभी विकल्पों पर विचार करेगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्माण के क्षेत्र में अपनाई जा रही बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन कर सुझाव देगी. केंद्रीय मंत्री गडकरी इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिख रहे हैं. गडकरी का मानना है कि एक नियामक आयोग बनना चाहिए जो इस क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों कंपनियों को नियंत्रित कर सके. इन कंपनियों को नियंत्रण में रखना आवश्यक है. अगर इसी तरह से चलता रहा तो सड़कों का निर्माण कैसे हो सकेगा? प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान कैसे बन सकेंगे और छोटे उद्योग कैसे जिंदा रह सकेंगे? एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में गडकरी ने कहा कि सीमेंट कंपनियों द्वारा जिस तरह का असंतुलन पैदा किया जा रहा है, उसे सहन नहीं किया जा सकता. यह कंपनियां एक समूह बना कर दरें बढ़ा देती हैं. छोटे उद्योग इसके कारण संकट का सामना कर रहे हैं. गडकरी का कहना है कि उनका मंत्रालय प्रयास कर रहा है कि ड्यूटी फ्री सीमेंट और स्टील का आयात किया जा सके। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने यह भी बदलाव किया है कि गवर्नमेंट स्टैंडर्ड को ध्यान रखते हुए स्टील किसी भी सप्लायर से खरीदा जा सकता है. जबकि पहले यह प्रैक्टिस रही है की रियल मैन्युफैक्चरर से ही स्टील खरीदा जा सकता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाईवेज निर्माण का रिकॉर्ड बनाया गया है और अब पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप कॉन्ट्रैक्ट के अंतर्गत समन्वय एवं समझौते का तंत्र मजबूत मजबूत करने पर फोकस किया है. उनका मानना है कि उसकी इस प्रक्रिया में बहुत कमजोरियां हैं. इनको गहराई से समझने की जरूरत है. उनका मानना है कि आर्बिट्रेशन के सभी मामलों का निराकरण 3 माह के अंदर हो जाना चाहिए. गडकरी ने बताया कि भारत में वित्तीय वर्ष 2021 में रिकॉर्ड 13 हजार 400 किलोमीटर हाईवेज का निर्माण देश में किया गया है. हर दिन लगभग 37 किलोमीटर हाईवेज का निर्माण किया गया है. अब मंत्रालय का फोकस सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता को सुधारने और निर्माण लागत में कमी लाना है. गडकरी ने बताया कि अगले साल प्रतिदिन 40 किलोमीटर हाईवे का निर्माण किया जाएगा. गडकरी का कहना है कि अधोसंरचना निर्माण में बढ़ती लागत चिन्ता का विषय है.