राहुल ने फिर मोदी सरकार पर साधा निशाना, प्रवासी मजदूरों को लेकर कहा - तुमने ना गिना तो मौत ना हुई ?
कोरोना वायरस के कारण मार्च में केंद्र सरकार द्वारा लगाये गए लोकडाउन में बहुत से प्रवासी मजदूरों को बहुत सी परेशानी का सामना करना पड़ा था| लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का मामला एक बार फिर गरम हो गया है| कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तंज कसने की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए फिर से आज प्रवासी मजदूरों की मौत को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया है| राहुल गांधी ने कहा है कि मोदी सरकार के पास कोई जानकारी नहीं है कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मज़दूर मरे और कितनी नौकरियां गईं|
राहुल गांधी ने एक बार ट्वीट करके कहा ?
राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा है,‘’मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मज़दूर मरे और कितनी नौकरियां गईं. तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई? हां मगर दुख है सरकार पे असर ना हुई, उनका मरना देखा ज़माने ने, एक मोदी सरकार है जिसे ख़बर ना हुई.’’
राहुल गांधी ने पीएम मोदी को मोर के साथ व्यस्त बताया
राहुल गांधी ने कहा था, ‘’कोरोना संक्रमण के आंकड़े लगातार बड़ते हुए इस हफ़्ते 50 लाख और ऐक्टिव केस 10 लाख पार हो जाएंगे| बिना व्यवस्था के लगाया गया लॉकडाउन एक व्यक्ति के अहंकार की देन है, जिसके कारण कोरोना देशभर में फैल गया| उनका ये भी कहना है की मोदी सरकार का आत्मनिर्भर बनने का मतलन अपनी जान ख़ुद ही बचा लीजिए क्योंकि पीएम मोदी मोर के साथ व्यस्त हैं’’|
संसद :-सरकार के पास नहीं है प्रवासी मजदूरों के मरने का आंकड़ा
कल संसद में केंद्र सरकार से पूछा गया था कि लॉकडाउन के दौरान देश में कितने प्रवासी मजदूरों की मौत हुई थी और उनको कितना मुआवजा दिया गया? इसका जवाब देते हुए केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कहा कि मृतकों की संख्या को लेकर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है| मंत्रालय ने कहा कि चूंकि इस तरह का डेटा नहीं जुटाया गया था, इसलिए पीड़ितों या उनके परिवारों को मुआवजे का सवाल ही नहीं उठता|