धरती पर आएगा अंतरिक्ष का कचरा, ESA कर रही है शुरुआत  


स्टोरी हाइलाइट्स

Many satellites have come from Earth sending them to space. This process has been going on for a long time.

 धरती पर आएगा अंतरिक्ष का कचरा, ESA कर रही है शुरुआत   धरती से अंतरिक्ष में बहुत सी सैटेलाइट भेजते हुए आयें हैं. ये प्रिक्रिया बहुत समय से चलती आ रही है. बहुत से satellite अब काम भी नहीं कर रहे हैं. पृथ्वी की कक्षा में सैटेलाइट को ले जाने वाले रॉकेट भी उपस्थित है जो satellite को उधर कक्षा में छोड़ देते हैं और उसके बाद वहीँ हूमते रहते हैं. ये भी बोल सकते हैं कि बहुत से satellite घूम रहे हैं इनमें से बहुत कम ही ऐसे हैं जो अभी सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा अंतरिक्ष में छोड़े गए रॉकेट के भी टुकड़े अंतरिक्ष में ही घूम रहे हैं. अंतरिक्ष को साफ़ करने का जिम्मा अब यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) ने उठाया है. ESA अंतरिक्ष से बड़े आकार के कचरे (Debris) को धरती पर लाने की तैयारी कर रही है. उसने इसके लिए क्लियर स्पेस एसए (Clear Space SA) स्टार्टअप से दस करोड़ बीस लाख डॉलर का करार किया है. कितना कचरा है और कितना बढना है  अंतरिक्ष में पृथ्वी की कक्षा के अंदर मानव निर्मित बहुत सी चीजें घूम रही हैं यही बेकार चीजें अंतरिक्ष का कचरा कहलाती हैं. इस कचरे में उल्कापिंडों के टुकड़े भी शामिल हैं. नासा के मुताबिक पृथ्वी की कक्षा में कचरे के लगभग अनुमान से 20 हजार टुकड़े घूम रहे हैं. इस कचरे में बहुत ज्यादा इजाफा होना है क्योंकि व्यवसायिक अंतरिक्ष उद्योग तेजी से बढ़ने वाला है और ज्यादा संख्या में पृथ्वी की कक्षा में रॉकेट के प्रक्षेपण हो रहे हैं. इंसान चाँद पर जीवन की तलाश में लगा हुआ है उसके लिए वह कई समय से बहुत बार उसके चक्कर काट रहा है. फिलहाल जो कचरा अंतरिक्ष में मौजूद है उसमें से कुछ 28 हजार किमी प्रति घंटा की गति से भी तेजी से घूम रहे हैं. एक छोटे से टुकड़े के लिए यह गति एक बड़े सैटालाइट को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी है. इससे सैटेलाइट के लिए वातावारण असुरक्षित होता जा रहा है क्यों की बहुत से सैटेलाइट उसी कक्षा में स्थापित किया जाते हैं. स्टार्टअप से किया समझौता क्लियर स्पेस एसए एक स्विट्जरलैंड का स्टार्टअप है जो अंतरिक्ष में कक्षा में ही सेवाएं देते हुए वहां से कचरा हटाने का काम करती है. ESA ने इस अभियान के लिए उसे साल 2019 में चुना था. क्लियर स्पेस का प्रक्षेपण साल 2025 में होगा. काम कर रहे सभी सैलाइट के लिए खतरा विशेषज्ञों का मनना है कि अंतरिक्ष कचरे के सैकड़ों हजारों टुकड़े पृथ्वी का चक्कर लगा रहे हैं. वर्तमान में काम कर रहे सैटेलाइट और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक के लिए खतरा बन गए हैं. इस समस्या को सुलझाने के लिए बहुत सी टीमें काम कर रही हैं. इस मिशन का प्रमुख लक्ष्य वेस्पा यानि वेगा सेकेंड पेलोड अडाप्टटर (VESPA) है जो साल 2013 में एक सैटेलाइट के प्रक्षेपण में उपयोग में लाया गया था. इसका वजन 112 किलोग्राम था. इस तरह का पहला अभियान ESA का बताना है कि क्लियर स्पेस से हुआ सौदा  कचरा निकालने के लिए पहला सक्रिय अभियान होगा. यह अंतरिक्ष यान उन रॉकेट के टुकड़ों को पकड़कर पृथ्वी पर वापस लाएगा जिनका उपयोग किसी सैटेलाइट को उनकी कक्षा में पहुंचाने के लिए किया गया था.