सरकार के लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कम्प्यूटर के इंपोर्ट पर रोक लगाने के नोटिफिकेशन के बाद सेक्रेटरी ने कहा कि इंपोर्ट पर कोई बैन नहीं लगाया गया है। उन्होंने कहा कि कंपनियां और ट्रेडर हार्डवेयर, लैपटॉप, टैबलेट आदि का इंपोर्ट कर सकते हैं। इंपोर्ट के लिए आवश्यक लाइसेंस 5 मिनट के भीतर दे दिया जाएगा मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी के सेक्रेटरी ने कहा कि ऐसे इंपोर्ट्स के लिए आवश्यक लाइसेंस 5 मिनट के भीतर दे दिया जाएगा।
ऑफिशियल के मुताबिक, दो कंपनियां पहले ही इंपोर्ट लाइसेंस के लिए आवेदन कर चुकी हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एक कंपनी मल्टीपल लाइसेंस के लिए भी आवेदन कर सकती है। उन्होंने कहा, लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर जैसे गुड्स की कीमतें नहीं बढ़ेगी और गुड्स के ट्रांजिट में कोई बाधा नहीं आएगी। इंपोर्ट पर इस रिस्ट्रिक्शन का पीएलआई 2.0 से कोई संबंध नहीं है।
सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कम्प्यूटर के इंपोर्ट पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की जानकारी दी थी। किसी प्रोडक्ट के इंपोर्ट पर बैन लगाने का मतलब है कि विदेशों से उन प्रोडक्ट्स को लाने के लिए लाइसेंस या सरकार की अनुमति जरूरी होगी। इस रोक से सरकार के मेक इन इंडिया प्रोग्राम और लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस फैसले से लोकल मैन्युफैक्चरर्स और ऐसी विदेशी कंपनियों को फायदा होगा, जो देश में लगातार प्रोडक्शन कर रहे हैं, लोकल सप्लाई को बढ़ावा दे रहे हैं और दूसरे देशों को भी एक्सपोर्ट कर रहे हैं। डेल और एचपी उन कंपनियों में से हैं जिनकी भारत में पहले से ही मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज हैं। बैगेज में इन आइटम्स को ले जाने पर प्रतिबंध नहीं है।