नेता के बेटे के लिए मुझे कप्तानी से हटाया, अब कभी आंध्र के लिए नहीं खेलूंगा


स्टोरी हाइलाइट्स

MP से हार के बाद आंध्र के पूर्व कप्तान हनुमा विहारी का बड़ा खुलासा, बयां की आप बीती

रणजी ट्रॉफी के क़्वार्टर फाइनल मुकाबले में मध्यप्रदेश के हाथो मिली करीबी हार के बाद आंध्रपदेश के पूर्व कप्तान हनुमा विहारी ने सनसनीखेज खुलासा किया है। इस खुलासे के साथ उन्होंने राज्य क्रिकेट एसोसिएशन पर गंभीर आरोप लगाते हुए आंध्रप्रदेश के लिए भविष्य में कभी न खेलने का फैसला भी लिया है।

टीम इंडिया के लिए खेल चुके हनुमा ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि बंगाल के खिलाफ पहले गेम में मैं कप्तान था। खेल के दौरान, मैंने 17वें खिलाड़ी को डांटा, और उसने अपने पिता (जो एक राजनेता हैं) से शिकायत की। उसके पिता ने तब एसोसिएशन से मेरे खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा। हमारी सफलता के बावजूद पिछले साल फाइनलिस्ट (बंगाल) के खिलाफ 410 रनों का पीछा करते हुए, मुझे बिना किसी गलती के कप्तानी से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था।

हनुमा ने आगे लिखा कि मैंने कभी भी खिलाड़ी पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की। हालांकि 16 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करने सहित वर्षों से आंध्र की क्रिकेट सफलता में मेरे योगदान के बावजूद, एसोसिएशन ने खिलाड़ी के महत्व को मुझसे अधिक माना। मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई, लेकिन मैंने खेल और अपनी टीम के सम्मान में इस सीज़न में खेलना जारी रखा। दुर्भाग्य से, एसोसिएशन का मानना ​​है कि खिलाड़ियों को उनके निर्देशों का निर्विवाद रूप से पालन करना चाहिए, यह दावा करते हुए कि खिलाड़ियों को अपने पदों पर पूरी तरह से एसोसिएशन का दायित्व है। अपमानित महसूस कर रहा हूं, मैं मैंने फैसला किया है कि मैं कभी भी आंध्र का प्रतिनिधित्व नहीं करूंगा, जहां मैंने अपना आत्मसम्मान खो दिया है। मुझे अब भी टीम के प्रति स्नेह है।

गौरतलब है कि आंधप्रदेश रोमांचक मुकाबले में महज चार रनों से हारकर रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल मुकाबले में जगह नहीं बना पाया। मैच के चौथे दिन आंध्रप्रदेश को जीत के लिए 75 रन और मध्यप्रदेश को 6 विकेट चाहिए थे। मध्यप्रदेश के गेंदबाज़ों ने 6 विकेट झटक अंतिम चार में स्थान बना लिया।   इससे पहले इंदौर के होल्कर स्टेडियम में मध्यप्रदेश ने पहली पारी में 234 रन बनाये थे वहीं आंध्रप्रदेश की पहली पारी 172 रनों पर ही सिमट गई थी। दूसरी पारी में MP की टीम केवल 172 रन ही बना सकी थी। आंध्र को यह मुकाबला जीतने के लिए 169 रन बनाने थे लेकिन टीम अपने लक्ष्य से चार रन दूर रह गई।